बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है. वोटिंग के दौरान 129 विधायकों ने नीतीश कुमार सरकार के पक्ष में वोट डाला. स्पीकर को मिला दें तो यह आंकड़ा 130 पहुंच जाता है. हालांकि, वोटिंग के वक्त विपक्ष वॉकआउट कर गया था इसलिए खिलाफ में पड़े वोटों की संख्या सामने नहीं आ पाई है. विश्वास मत को लेकर रविवार से ही सियासत गरमाई हुई थी. आरजेडी के विधायक तेजस्वी यादव के आवास पर ठहरे थे जबकि कांग्रेस ने अपने विधायकों को होटल में रखा था, लेकिन इन सब चीजों के बीच नीतीश कुमार ने विधानसभा में अग्नि परीक्षा पास कर ली है.फ्लोर टेस्ट के दौरान विधानसभा में काफी गहमागहमी भी देखने को मिली. एक तरफ तेजस्वी यादव ने नीतीश और एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, सबसे पहले हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि आपने लगातार 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया. 9 बार तो शपथ ली ही लेकिन एक ही टर्म में में तीन बार शपथ लेने का अद्भुत नजारा पहले कभी नहीं देखा. दूसरी ओर नीतीश कुमार ने भी विपक्ष को लालू-राबड़ी राज का याद दिलाते हुए हमला बोला.
वोटिंग से पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाया गयावोटिंग से पहले विधानसभा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता अवध बिहारी चौधरी को सदन के अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ. पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार का हिस्सा रहे आरजेडी के नेता चौधरी ने अपनी पार्टी के सत्ता से बाहर होने के बाद अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया था. एनडीए की ओर से अध्यक्ष के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को 243 सदस्यीय विधानसभा में 125 विधायकों का समर्थन मिला, जबकि 112 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया.
अवध बिहारी चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद आगे की कार्यवाही शुरू हुई. विश्वास प्रस्ताव पर पहले विपक्ष के बड़े नेताओं ने अपनी बात रखी. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार एक ही टर्म में तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सभी को हैरान कर दिया. तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग सम्मान नहीं डली करते हैं.
तेजस्वी बोले- हम संघर्ष करते रहेंगेपूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, मेरे भीतर लालू जी का खून है. हम संघर्ष करते हैं और लड़ते हैं. जब हम लोगों ने काम किया तो उसका क्रेडिट क्यों न लें? जनता हमारी मालिक है, अब हम जनता के बीच रहेंगे. अफसरशाही पूरी तरह से हावी है. देश में अगर बीजेपी को किसी से डर था तो वो बिहार से था. वहीं, बागी विधायकों पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर वहां बात न बने तो हम खड़े हैं.
इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि राजद को यह याद रखने की जरूरत है कि नीतीश कुमार के सहयोग से ही लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. लालू को यदि नीतीश कुमार का साथ नहीं होता तो क्या वो मुख्यमंत्री बनते क्या? जिस समय देश में सीबीआई बनी थी उस समय केंद्र में आप ही के सहयोगियों की सरकार थी. कांग्रेस पार्टी के लोगों ने लालू को मुखिया बनने से भी रोक दिया था. लालू के राज में पूरे बिहार में 1 लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिली थी.
नीतीश कुमार ने विपक्ष को याद दिलाया जंगल राजवोटिंग से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सदन में अपना बात रखी. नीतीश कुमार ने बिहार में जंगलराज का जिक्र करते हुए कहा कि लालू-राबड़ी सरकार में लोग अपने घर से बाहर नहीं निकलते थे. लोगों को डर लगता था. हिंदू-मुस्लिमों को आपस में लड़ाने का काम किया जाता था, लेकिन 2005 के बाद हमने सभी के लिए काम किया और आज की स्थिति में 12 बजे रात को भी महिलाएं निडर होकर बाहर निकलती हैं.
नीतीश बोले- 2005 से पहले लोग अपने घरों से नहीं निकलते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के शासनकाल के दौरान बिहार में कई सांप्रदायिक दंगे हुए. कानून-व्यवस्था ठीक नहीं थी. बिहार में अपने शासन के दौरान राजद ने भ्रष्ट तौर-तरीके अपनाए. इसकी मैं जांच शुरू होगी. नीतीश कुमार ने कहा कि अब पहले भी एनडीए के साथ था और अब फिर से आ गया हूं. मैं अब इधर ही रहूंगा. सभी के लिए काम करूंगा. महारी सरकार में किसी भी समुदाय की अनदेखी नहीं होगी.
फ्लोर टेस्ट में पास हुए नीतीश कुमार, बिहार में खेला नहीं कर पाए तेजस्वी यादव
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फ़रवरी 12, 2024
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