श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्री कृष्ण बाललीलाओं का हुआ वर्णन

देवरीकलां:-महाराजपुर अंतर्गत ग्राम छींद में सभी ग्रामवासियों द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा में सभी भक्तों को कथा व्यास पंडित अविरल व्यास जी महाराज द्वारा पंचम दिवस की कथा श्रवण कराई गई।जिसमे कृष्ण की बाल लीलाओं का मनमोहक वर्णन किया गया।अविरल महाराज ने कहा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। कथा में पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोब,गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है। अतः सभी को गौ माता की सेवा,गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। एक बार गोप बालकों ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर दी–’मां तेरे लाला ने माटी खाई है यशोदामाता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। ‘अच्छा खोल मुख।’ माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदाजी ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूर्ण जगत विद्यमान है। इसके अलावा भी श्री कृष्ण जी की माखन चोरी आदि बाल लीलाओं का वर्णन किया। कथा व्यास ने बताया कि जब ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राज जी की पूजा शुरू कर दी तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की,तब कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया। तब इंद्र को भगवान की शक्ति का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी व कहा हे प्रभु मैं भूल गया था की मेरे पास जो कुछ भी है वो सब कुछ आप का ही दिया है।कथा व्यास द्वारा श्रीकृष्ण बाल लीलाओं का बृत्तांत सुनकर भक्त गण भाव विभोर हो गए। भागवत कथा के आयोजक समस्त ग्रामवासी छींद एवं मयंक व्यास, रामविशाल दुबे, सीताराम पटेल है।आज बडी संख्या में भक्त उपस्थित थे।

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