सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने IPU ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में रखा भारत का मज़बूत पक्ष, कहा– “आतंकवाद एक वैश्विक संकट, एडवांस टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग एक चिंता का विषय है ”
सागर/7 अप्रैल 2025/ सांसद डॉ. लता गुड्डू वानखेड़े ने ताशकंद में अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union - IPU) की ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध देश का मज़बूत और स्पष्ट पक्ष दुनिया के सामने रखा। उन्होंने चेतावनी दी कि एडवांस टेक्नोलॉजी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से आतंकवाद अब और अधिक खतरनाक रूप ले रहा है।
डॉ. वानखेड़े ने कहा, “भारत, जो हमेशा आतंकवाद के खिलाफ डटकर खड़ा रहा है, और इसे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति हैं। उनकी नीति “जीरो टॉलरेंस” पर आधारित हैं और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सशक्त कार्रवाई, कूटनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता देते हैं। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाए।”
डॉ. वानखेड़े ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि कैसे आधुनिक आतंकवादी अब AI का इस्तेमाल कर रहे हैं—चाहे वो प्रचार, भर्ती, दुष्प्रचार, साइबर हमले या फिर स्वायत्त हथियारों के माध्यम से हमले हों। उन्होंने कहा, “AI का दुरुपयोग अब आतंकवादियों के लिए एक हथियार बन गया है।”
उन्होंने इस ख़तरे से निपटने के लिए पाँच स्तरीय रणनीति का सुझाव दिया -
1. AI नियंत्रण और साइबर सुरक्षा: सरकारों को AI की सुलभता को नियंत्रित करने वाले कड़े नियम लागू करने चाहिए।
2. सार्वजनिक-निजी सहयोग: तकनीकी कंपनियों को जिम्मेदार AI विकास सुनिश्चित करना होगा।
3. वैश्विक खुफिया साझेदारी: देशों को मिलकर खुफिया जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना चाहिए।
4. नैतिक AI विकास: AI को नैतिक दिशा-निर्देशों के तहत विकसित किया जाए और उसका नियमित ऑडिट हो।
5. AI का आतंकवाद विरोधी उपयोग: निगरानी और खुफिया तंत्र को मज़बूत करने के लिए AI का उपयोग सही तरीके से करना होगा जो आवश्यक है।
डॉ. वानखेड़े ने वैश्विक नेताओं से अपील की कि वे मिलकर मजबूत नीतियाँ बनाएं ताकि AI मानवता के पक्ष में एक सकारात्मक शक्ति बना रहे और इसके दुरुपयोग को रोका जा सके ।
उनका यह दृष्टिकोण न केवल भारत के आतंकवाद-विरोधी रुख को दर्शाता है, बल्कि तकनीकी युग में सुरक्षा की बदलती परिभाषा को भी रेखांकित करता है। IPU मंच पर डॉ. लता वानखेड़े की यह दृढ़ प्रस्तुति भारत के वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सभी साथी देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के इस पक्ष की सराहना की है।