मैहर। मध्य प्रदेश सरकार की संबल योजना को लेकर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह योजना सिर्फ उम्मीद बनाए रखने के उद्देश्य से बनाई गई या फिर वास्तव में सरकार गम में डूबे परिवारों को अनुग्रह का मरहम लगाना चाहती है ? अगर ऐसा है तब सवाल उठता है कि स्वीकृत होने के बाद भी तीन सालों से मदद का इंतजार क्यों करना पड़ रहा है ? आखिर क्यों ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई कि प्रकरण स्वीकृत होने के बाद उन परिवारों की आर्थिक मदद हो सके।सतना के मैहर जिले की बात करें तो यहां लगभग एक हजार से अधिक प्रकरण संबल योजना के स्वीकृत पड़े हैं, लेकिन उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। मृतकों के सभी रिकार्ड पोर्टल में अपलोड करने के बाद प्रकरणों को स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई, लेकिन नोडल एजेंसी श्रम विभाग इनका भुगतान नहीं कर रहा है।मैहर नगर पालिका, जनपद क्षेत्र मैहर, अमरपाटन नगर परिषद, जनपद क्षेत्र अमरपाटन के साथ ही न्यू रामनगर नगर परिषद और जनपद क्षेत्र रामनगर के अंर्तगत की गई पड़ताल में यह बात सामने आई कि हितग्राहियों का प्रकरण पोर्टल में तीन साल से स्वीकृत दिखाई दे रहा है। उनके बैंक खातों की डिटेल के साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र भी अपलोड कर दिए गए, लेकिन जिस राशि का इंतजार परिवारों को था, वह अब तक नहीं मिली।
मामला नंबर 1
अमरपाटन के ही अफजल रजा की मृत्यु 19 नवंबर 2021 को हुई, इनकी भी सामान्य मृत्यु थी। जिसके बाद ऑनलाइन आवेदन किया गया। श्रमिक कार्ड नंबर 101229284 के सदस्य की सामान्य मौत के बाद 7 दिसंबर 2021 को ही प्रकरण भी स्वीकृत कर दिया गया। इसके बाद भी इनके आश्रित सदस्य मोहम्मद नईम को दो लाख रुपए की मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना का पैसा अभी तक नहीं मिल सका।मामला नंबर 2
मैहर जिले के जनपद पंचायत रामनगर के बड़ा इटमा गांव में रहने वाले कनक कुमार वर्मा की मृत्यु 2021 मे हुई। जिनकी अनुग्रह राशि स्वीकृत पड़ी है। इनके आश्रित के बैंक की डिटेल सहित पूरी जानकारी पोर्टल में दर्ज करवा दिया गया मगर भुगतान अब तक नहीं हो पाया जबकि अपने परिवार के सदस्य को खो चुकी पुष्पलता बर्मन को मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का इंतजार अभी तक बना हुआ है।
मामला नंबर 3
नगर परिषद अमरपाटन के जोन-1 में रहने वाले हरीश साहू की मृत्यु 29 मई 2021 को हुई। जिनका श्रमिक कार्ड नंबर 108860565 है। इनकी अनुग्रह राशि 16 जुलाई 2021 से स्वीकृत पड़ी है। इनके आश्रित के बैंक की डिटेल सहित पूरी जानकारी पोर्टल में दर्ज करने के बाद विभाग भूल चुका है, जबकि अपने परिवार के सदस्य को खो चुके रामनाथ साहू को मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का इंतजार अभी तक बना हुआ है।मामला नंबर 4
नगर परिषद रामनगर के वार्ड 3 में रहने वाले रामोराम गुप्ता की मृत्यु 11 मार्च 2022 को हुई. जिनका श्रमिक कार्ड नंबर 192018814 है। इनकी अनुग्रह राशि 30 नवम्बर 2022 से स्वीकृत पड़ी है। इनके आश्रित के बैंक की डिटेल सहित पूरी जानकारी पोर्टल में दर्ज करने के बाद विभाग भूल चुका है। जबकि अपने परिवार के सदस्य को खो चुके मालती गुप्ता को मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का इंतजार अभी तक बना हुआ है।
सवालों में भुगतान का सिस्टम
संबल योजना में जिस प्रकार से आवेदन और स्वीकृत करने की एक निश्चित प्रक्रिया है। वैसे ही भुगतान की अवधि कुछ तय नहीं की गई। संभवत: इसी बात की आड़ लेकर अधिकारी आंकड़े गिनाते रहते हैं और मृतकों के परिजन उस पैसे का इंतजार करते रहते हैं। कहा जाता है कि इस योजना के तहत भुगतान DBT के माध्यम से किया जाता है। यानी जब मुख्यमंत्री डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर करेंगे तभी हितग्राहियों को उनका पैसा सीधे खाते में पहुंच जाएगा।कलेक्टर बोले- अधिकारी से लेंगे जानकारी
संबल योजना के प्रकरण स्वीकृत होने के बाद भी पात्रों को पैसा नहीं मिलने के मामले में जब मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अभी मैहर जिले में कोई संपदा अधिकारी पदस्थ नहीं है। ऐसे में जिला पंचायत सतना सीईओ और संपदा अधिकारी से बात करनी पड़ेगी। फिलहाल उन्होंने इस मामले को चेक कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
संबल योजना पर उठे सवाल: आखिर कब मिलेगी राशि ? स्वीकृत होने के बाद भी 3 सालों से मदद का इंतजार
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फ़रवरी 21, 2024
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