ग्रामीण कियोस्क सेंटरों का नगर में हो रहा संचालन, अधिकारी मौन, ग्रामीणजन परेशान

 


गढ़ाकोटा - ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा गाँव मे ही उपलब्ध कराने के लिए शासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकों के माध्यम से कियोस्क सेंटर संचालित किए जा रहे है, लेकिन कियोस्क सेंटर संचालकों की मनमानी एवं बैंक अधिकारियों की लापरवाही के कारण शासन की मंशा पूरी नही हो पा रही है। ग्रामीणों को अभी भी बैंकिंग से संबंधित कार्यो के लिए भटकना पड़ रहा है। 

गढ़ाकोटा क्षेत्र में स्टेट बैंक आप इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया इत्यादि बेंको द्वारा ग्रामीण अंचलों में लोगों को सुविधाएं प्रदान करने लिए ग्राहक सेवा केंद्र पंचायत और नगर स्तर पर संचालित किए गये हैं। लेकिन कियोस्क संचालक अपने मूल स्थान छोड़कर दूसरी जगह जहा तक बेंको से आस पास ही बैठकर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों की आईडी लेकर कियोस्क बैंक संचालकों ने अपनी आईडी का दुरुपयोग कर कियोस्क का संचालन गढ़ाकोटा में किया जा रहा हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को मुख्यालय पर ही आना-जाना पड़ता है। गांव से नगर जाने के लिए साधनों का अभाव भी रहता है। जिससे लोगों को भारी समस्याओ का सामना भी करना पड़ता है । वर्तमान में शासन की प्रमुख योजनाएं मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना, वृद्धा पेंशन, मुख्यमंत्री सम्मान निधि, प्रधानमंत्री सम्मान निधि, लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित अन्य योजनाओं का पैसा निकलवाने गढ़ाकोटा ही आना पड़ता है। कभी-कभी सर्वर डाउन होने की वजह से घंटों इंतजार करके खाली हाथ लौटकर जाना पड़ता है। कियोस्क सेंटरों तक लेन-देन करने के लिए ग्रामीणों को उतना ही समय व किराया आदि खर्च करना पड़ता है, जितना कि मुख्य शाखा में जाने के लिए करना होता है। ग्रामीणों की मानें तो सरकार ने सुविधा के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर रखी है, लेकिन इसका फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। साथ ही इन कियोस्क सेंटरों के संचालकों की मनमानी के चलते जितनी लम्बी कतार बैंक शाखा में देखने को मिलती है, उतनी ही भीड़ और कतार कियोस्क सेंटरों पर भी देखने को मिलती है। साथ ही ग्रामीणों का अंगूठा लगवाकर पैसा निकाल दिया जाता है और स्लिप भी नहीं दी जाती है। इसके चलते ग्रामीण स्तर के लोग जो की पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण उनके खाते से कितना पैसा निकाला गया, उन्हें भी नहीं मालूम पड़ता ।यदि कियोस्क सेंटर संबंधित गांव में ही संचालित होते तो कम से कम उस क्षेत्र के ग्रामीणों को मुख्यालय तक आने की जरूरत नहीं पड़ती और उनका काम गांव में ही हो जाता।

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा प्रबंधक मनोहर अहिरवाल से बात कि तो कहना था कि इस प्रकार कि शिकायत हमारे पास नहीं आई हैं आती हैं तो कार्यवाही कि जाएगी, ग्रामीण कि कियोस्क नगर में संचालन नियम विरुद्ध हैं,हेड ऑफिस द्वारा अनुवाधित कियोस्क की लोकेशन का विजिट बना के देते हैं।

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