छात्रा की Kota में अपहरण की कहानी निकली झूठी: विदेश जाने के लिए दोस्त के साथ मिलकर रची फिरौती की साजिश,

भोपाल। राजस्थान के कोटा में MP के शिवपुरी की छात्रा के अपहरण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि अब तक की गई जांच के मुताबिक युवती का किडनैप नहीं हुआ था बल्कि उसने अपने साथी के साथ विदेश जाने के लिए अपने अपहरण की झूठी साजिश रची थी। युवती ने इंदौर में अपने साथी के रूम में अपनी तस्वीर खिंचवाई थी जिसमें उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे। साथ ही पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि वह कोटा के किसी भी संस्थान में पढ़ाई नहीं करती थी। कोटा पुलिस का दावा : छात्रा इंदौर में ही सुरक्षित

मध्यप्रदेश के शिवपुरी की कोचिंग छात्रा के अपहरण के मामले में नया मोड़ आ गया है। कोटा पुलिस ने अब तक की जांच में अपहरण की कहानी झूठ मानी है। छात्रा ने दोस्त के साथ मिलकर अपहरण और फिरौती की साजिश रची। छात्रा के अपहरण का जो वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, वे भी उसके दोस्त के इंदौर स्थित घर पर ही तैयार किया था। छात्रा कोटा में किसी भी कोचिंग में अध्ययनरत नहीं थी।

कोटा एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया है कि छात्रा का अपहरण नहीं हुआ है। मां उसे कोटा छोड़कर गई, उसके तीन दिन बाद ही वह इंदौर चली गई और इंदौर में दोस्त के साथ रही। छात्रा व उसके दोस्त का यहां पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। वे विदेश में पढ़ाई करना चाह रहे थे, उसके लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी। पैसों के लिए ही उन्होंने अपहरण की झूठी कहानी रची।बंदी बनाने का फोटो दोस्त की रसोई में ही खींचा

एसपी ने बताया कि छात्रा अपने दोस्त के साथ इंदौर में ही रह रही थी। छात्रा के दो अन्य दोस्त पुलिस का सहयोग कर रहे हैं। उनमें से एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि छात्रा का बंदी बनाने का जो फोटो माता-पिता को भेजा, वह इंदौर स्थित मकान की रसोई में ही खींचा गया था।छात्रा अभी इंदौर में

एसपी ने बताया कि छात्रा व उसका दोस्त 17 मार्च को जयपुर गए थे। दूसरे दिन वापस इंदौर आ गए और अभी इंदौर में ही रह रहे हैं। अभी हाल में छात्रा इंदौर में ही है। कोटा व इंदौर पुलिस छात्रा की तलाश कर रही है। एसपी ने छात्रा से अपील की है, वह जहां भी हो, तुरंत पुलिस या माता-पिता से सम्पर्क करें। पुलिस पूरी सुरक्षा देगी।

तीन दिन कोटा में रही

एसपी ने बताया कि 3 अगस्त 2023 को छात्रा मां के साथ कोटा आई थी। उसका कोचिंग में एडमिशन नहीं हो पाया था। मां छात्रा को एक हॉस्टल में छोड़कर उसी दिन वापस शिवपुरी चली गई थी। छात्रा 5 अगस्त को हॉस्टल छोड़कर वापस इंदौर चली गई और अभी तक इंदौर में ही दोस्त के साथ रह रही थी।

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