*जल गंगा संवर्धन अभियान 2024* *महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर दिया जल संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश*

*जल गंगा संवर्धन अभियान 2024*  *महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर दिया जल संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश*




*प्राचीन जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करना वर्तमान समय की आवश्यकता है --निगमायुक्त* 

 *सागर/ 9 जून 2024* शासन द्वारा 5 जून से 16 जून तक प्रदेश में चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत नगर निगम की महिला पार्षदों और महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर नागरिकों को जल संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया। 

           रविवार को प्रातः 7:30 बजे पंडित मोतीलाल नेहरू  स्कूल कटरा बाजार से निकाली गई महिलाओं की कलश यात्रा तीन बत्ती, कोतवाली होते हुए चकराघाट पहुंची जहां झील के घाट पर  महिलाओं ने जल संरक्षण एवं संवर्धन की शपथ के बाद यात्रा का समापन हुआ। 

           कलश यात्रा में निगम की महिला पार्षद और महिलाओं ने  कलश यात्रा के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है यह बात हमारे पूर्वज समझते थे, इसलिए उन्होंने प्राचीन जल स्रोतों जैसे नदी, तालाब , कुएं  और बावड़ियों को सुरक्षित रखा और उनकी समय-समय पर सफाई करते रहने से उनके पानी को हर समय पीने योग्य बनाए रखा, परंतु आधुनिकीकरण के कारण हमने इन प्राचीन जल स्रोतों के महत्व को  भूलाकर इन्हें अनुपयोगी बना दिया, इसलिए हमने जो भूल की है उसका परिणाम हमारी आने वाली पीढ़ी न भुगते । इन प्राचीन जल स्रोतों और संरचनाओं को सुरक्षित करने और उनके जल को साफ -सुथरा बनाने के लिए हम सब आगे आएं ताकि इनके जल का पुनः उपयोग हो सके। 

           कलश यात्रा प्रारंभ होने के पूर्व निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री ने कलश यात्रा में शामिल महिलाओं को इसके उद्देश्यों से परिचित कराते हुए कहा कि इस कलश यात्रा के माध्यम से  पुराने प्राचीन जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति लोगों को जागरूक करना है जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है क्योंकि  अपने प्राचीन जल स्रोतों की ओर ध्यान न देने से वह अनुपयोगी हो गए हैं इसलिए उनको उपयोगी बनाने के लिए उनका संरक्षण और साफ- सफाई जरूरी है , ताकि हम उनके जल का पुनः उपयोग कर सकें। 

 प्राचीनकाल में नदी , कुआं, बावड़ी, तालाब लोगों के प्रमुख जल स्रोत थे जो 24 घंटे बारह माह जल की पूर्ति के लिए उपलब्ध रहते थे, परंतु आधुनिकता के कारण हमने उनकी ओर ध्यान देना बंद कर दिया , इसलिए शासन ने उनको पुनः उपयोग में लेने के लिए जल संरचनाओं के संरक्षण और संवर्धन का अभियान प्रारंभ किया गया है जिसमें हम  संकल्प लें कि प्राचीन जल स्रोतों का हम संरक्षण करेंगे और दूसरों को भी संरक्षण करने के लिये प्रेरित करेंगे।

            कलश यात्रा में प्रमुख रूप से पार्षद रूबी पटेल,श्रीमती डाली सोनी, श्रीमती सुमन साहू सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

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