दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी ने किया 18 लाख रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा, पुलिस ने मामला दर्ज किया

 


जबलपुर के पाटन नगर परिषद में पदस्थ एक कर्मचारी का कारनामा सामने आया है। नगर परिषद पाटन का दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सोमेश गुप्ता ने 18 लाख रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा किया है। मामला उजागर होने के बाद नगर परिषद के सीएमओ ने पाटन थाना में लिखित शिकायत दर्ज की है, जिसके बाद पुलिस ने सोमेश गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।

सोमेश गुप्ता 2016 से नगर परिषद पाटन में पदस्थ है। सोमेश गुप्ता नगर परिषद के राजस्व विभाग में पदस्थ है, और टैक्स वसूली कर रसीद काटने का काम करता था। सोमेश गुप्ता को शाखा प्रभारी ने टैक्स रसीद काटने का काम सौंपा था। 2023 में प्रदेश के ई- नगर पालिका पोर्टल सर्वर में वायरस आ गया, जिसके बाद शासन के निर्देशानुसार टैक्स रसीद काटने का काम ऑनलाइन से बंद होकर ऑफलाइन हो गया।

 

इस तरह किया फर्जीवाड़ा 

इस बीच सर्वर को ठीक करने का काम भी हो रहा था। 2024 में जब सर्वर ठीक हुआ तो डाटा को रिस्टोर का काम शुरू किया गया। इस दौरान पता चला कि 2023-2024 में सोमेश गुप्ता ने फर्जी टैक्स रसीद काटी और वह पैसा अपने पास रखता गया। पाटन नगर परिषद सीएमओ ने जब घोटाले की जांच तेज की तो बड़ा खुलासा हुआ। पता चला कि सोमेश गुप्ता 2018-2019 से लेकर 2024 तक में करीब 18 लाख से अधिक का घोटाला कर चुका था।

 

टैक्स का पैसा ऑनलाइन जमा करने का था काम 

पाटन के वार्ड 10 में रहने वाले सोमेश गुप्ता को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रुप में उसके बड़े भाई भाजपा पार्षद  ने राजस्व विभाग में काम पर लगवाया था। सोमेश गुप्ता का काम ई-नगर पालिका पोर्टल पर ऑनलाइन रसीद काटने और संबंधित राशि को परिषद के खाते में जमा करने का काम था। जलकर, संपत्ति कर , दुकानों का टैक्स, किराया और पानी के टैंकर का शुल्क सहित अन्य तरह के कर वही ऑनलाइन जमा किया करता था।

बैंक खातों में 63 लाख रुपये के लेनदेन   

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सोमेश गुप्ता ने 2016 से 2024 दिसंबर तक नगर परिषद में काम किया। घोटाला उजागर होने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया। सोमेश गुप्ता के बैंक खातों की जांच की गई तो पता चला कि उसके नाम पर पांच खाते है, उन बैंक खातों में करीब 63 लाख रुपए का लेनदेन है।

गबन उजागर होने के बाद नौकरी से निकाला, अब पुलिस एफआईआर 

घोटाला उजागर होते ही नगर परिषद ने सोमेश को नौकरी से निकालते हुए गबन की राशि जमा करने को कहा, जिस पर उसने भरोसा दिया कि जल्द से जल्द वह पैसे जमा कर देगा, इस दौरान करीब साढ़े तीन लाख रुपए जमा किए और समय मांगा। लंबे समय तक जब राशि जमा नहीं की गई तो पाटन थाना पुलिस में सोमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई।

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