वध करने के लिए गोवंश के अवैध परिवहन करने वाले आरोपीगणों को न्यायालय ने सुनाई 01-01वर्ष की सजा*

*वध करने के लिए गोवंश के अवैध परिवहन करने वाले आरोपीगणों को न्यायालय ने सुनाई 01-01वर्ष की सजा* न्यायालय - माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला दमोह मध्य प्रदेश *धारा:-* मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम की धारा6/9 एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 *अभियुक्तगण:-* 1. भूरा उर्फ सफीक पिता शरीफ कुरैशी, उम्र 30 वर्ष, 2. श्रीमती शहाना बेगम पति मुन्ना उर्फ कुवर कुरैशी, उम्र 40 वर्ष, 3. आकाश उर्फ आफताब पिता शहीद कुरैशी, उम्र 29 वर्ष, तीनों निवासी कसाई मंडी दमोह *सजा-:* उक्त तीनो अभियुक्तगणों को *मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 06 सहपठित धारा 09 के तहत 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000-5000 रुपये* के अर्थदंड से दंडित किया गया, *घटना का संक्षिप्त विवरण-:* अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि घटना दिनांक 08.10.2016 को पुलिस थाना कोतवाली में मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि कसाई मंडी दमोह में आकाश कसाई अपने घर में भूरा कसाई के साथ मिलकर कुछ गौवंश को वध करने के आशय से लाया है तथा कुछ ही देर में दोनो मिलकर उक्त गौवंश का वध करने वाले है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस मय स्टाफ के साथ कसाई मंडी रवाना हुये, जो मुखबिर सूचना के आधार पर आकाश कसाई के घर दबिश दी गई, उसके घर में भूरा कसाई व उसकी बहन शाहिना के साथ मिलकर एक नग गाय को बड़ी ही क्रूरतापूर्वक रस्सियों से गाय के दोनो पैरो को बांधे,भूखा प्यासा क्रूरतापूर्वक बांधे हुये वध करने की तैयारी से मिले जो पुलिस को देखकर छत से कूदकर भाग गये, जिनका पीछा किया नहीं मिले। उक्त के भागने पर घटना स्थल से एक नग गाय सफेद रंग व दो रस्सियों के टुकड़े साक्षीगण के समक्ष जप्त किये गये आरोपीगण के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण होने से अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपीगण 01. आकाश उर्फ आफताब कुरैशी पिता शाहिद कुरैशी, उम्र 29 वर्ष, 02. भूरा उर्फ सफीक पिता शरीफ कुरैशी, उम्र 30 वर्ष 03. श्रीमती शहाना बेगम पति मुन्ना उर्फ कुंवर कुरैशी, उम्र 40 वर्ष, सभी निवासीगण कसाई मण्डी दमोह को *म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 की धारा 6 सहपठित धारा 9 के आरोप में *01-01 वर्ष के सश्रम कारावास व 5000/- 5000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया* । अभियोजन की ओर से प्रकरण में पैरवी *सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री विपिन राजपूत द्वारा जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी के निर्देशन* में की गई।

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