पुरानी रंजिश के चलते जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल युवक की एम्स अस्पताल भोपाल में मौत हो गई

बंडा, पुरानी रंजिश के चलते १३ फरवरी को जानलेवा हमले में घायल युवक ने भोपाल की भोपाल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद मृतक के परिजनो ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस के खिलाफ अक्रोशित हो गये और परिजनों सहित दर्जनों महिलाओं ने शाहगढ़ थाने में शव को रख कर आरोपियों के नाम जोड़ने और हत्या का मामला दर्ज करने पर अड़े रहे। दरअसल शाहगढ़ बरायठा रोड स्थित
भटाझोर तिराहे 13 फरवरी की शाम पुरानी बुराई को लेकर रास्ता रोककर बाईक सवार तीन युवकों पर हुए जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल श्यामपुरा निवासी अभिषेक यादव 17 पुत्र हरिशंकर यादव की मौत हो गई।

थाना प्रभारी अर्चना सिंह के मिले आश्वासन के बाद भी भीड़ में शामिल लोग नहीं माने और उत्तेजित भीड़ ने शव को ले जा कर शाहगढ़ तिराहे के हाइवे पर चक्का जाम कर दिया था। मौके पर पहुंचे एडिशनल एसपी डॉ. संजीव उईके ने अक्रोशित हो रहे लोगों से समझाइश कर जाम को खुलवाया। मामले में मृतक के पिता हरिशंकर यादव ने कहा कि पुलिस की पक्षपात कर रही है। पुलिस ने तीन लोगों पर मामला दर्ज किया जबकि इसमें गांव के तीन लोग और शामिल है जिनका पुलिस बचाव कर रही हैं, घटना 13 फरवरी की है लेकिन पुलिस ने अभी तक दो आरोपियों को ही पकड़ा। देवेंद्र यादव ने बताया कि 13 फरवरी को अभिषेक और नीलेश यादव सहित हम घर श्यामपुरा जा रहे थे तभी कुलदीप, बहादुर, हाकम सहित अन्य लोगों ने हम तीनों की बेरहमी से मारपीट कर अभिषेक की हत्या कराने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सभी आरोपी अभिषेक और नीलेश को लहूलुहान हालत में छोड़ फरार हो गए। इस पर वहां मौजूद एक साथी देवेंद्र ने दोनों को शाहगढ़ अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर नीलेश और अभिषेक दोनों को सागर जिला अस्पताल रेफर किया हालत में सुधार नही होने पर अभिषेक को भोपाल एम्स अस्पताल में भर्ती कराया और ईलाज के दौरान बीते रोज सोमवार को उसका निधन हो गया। हाइवे पर जाम लगाए जाने के बाद पुलिस हरकत में आ गई। एडिशनल एसपी डॉ. संजीव कुमार उइके ने पहुंच कर जाम को खुलवाया। साथ ही समीपस्थ थानों को पुलिस अलावा जिला पुलिस की स्पेशल टीम भी थाना परिसर में मौजूद रही। परिजनों ने बताया कि आरोपियों ने पंद्रह दिन पहले मृतक अभिषेक सहित नीलेश और देवेंद्र तीनों बाईक पर सवार थे स्कार्पियो पर सवार होकर आए आरोपियों ने रास्ता रोककर जानलेवा हमले से हत्या करने का प्रयास किया था। इसकी रिपोर्ट पीडित परिवार की ओर से शाहगढ़ थाने पर दी गई थी। पुलिस ने गैर ईरादतन हत्या का मामला तीन लोगों पर दर्ज कर दो आरोपियों को पहले ही जेल भेज दिया था।लेकिन आरोपियों के दबाव और मिलीभगत के चलते पुलिस ने अन्य लोगों पर ना मामला दर्ज किया और ना ही कोई कार्रवाई की।

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