नागपंचमी और हमारी धरती

 

💐🌴 नागपंचमी का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता है – सांपों की पूजा। बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि इस दिन नागों को दूध चढ़ाना चाहिए। लेकिन अगर थोड़ा सोचें तो ये त्योहार सिर्फ पूजा का नहीं, बल्कि प्रकृति को समझने और बचाने का भी दिन है। सांप क्यों जरूरी हैं? सांप डरावने जरूर लगते हैं, पर ये धरती के बहुत काम के दोस्त हैं। खेतों में अगर सांप न हों तो चूहे फसलें बर्बाद कर देंगे। जंगलों में भी ये पूरी फूड चेन को बैलेंस करते हैं। मतलब अगर सांप सुरक्षित हैं तो हमारा खाना-पानी भी सुरक्षित है। नागपंचमी पर हम क्या कर सकते हैं? सांपों को पकड़कर मत परेशान करें: असली सांपों को पकड़ना, पूजा के नाम पर उनको तकलीफ देना बिल्कुल गलत है। मिट्टी का नाग बनाकर पूजा करना ज्यादा अच्छा है। प्लास्टिक की चीज़ें छोड़ें: पूजा में प्लास्टिक की मूर्तियां और थालियां इस्तेमाल करने से नदियां और जमीन गंदी होती हैं। मिट्टी या धातु का उपयोग करें। तालाब और कुएं साफ रखें: नागपंचमी पर पानी की पूजा का मतलब यही है कि जल स्रोतों को बचाना और साफ रखना। पेड़-पौधे लगाएं: जहां पेड़ हैं, वहां सांपों का घर है, और जहां सांप हैं, वहां खेत सुरक्षित हैं। इस दिन पौधे लगाने का संकल्प लें। अपील  नागपंचमी हमें ये याद दिलाती है कि सांप सिर्फ डरने की चीज़ नहीं, बल्कि धरती के रखवाले हैं। अगर हम इन्हें बचाएंगे तो हमारी जमीन, पानी और खेती भी सुरक्षित रहेगी। पूजा असली तब होगी जब हम सांपों और उनके घर यानी प्रकृति को नुकसान न पहुँचाएं।  🙏🏾 सांपों की रक्षा मतलब धरती की रक्षा। प्रकृतिप्रेमी महेश तिवारी  पर्यावरणविद सागर

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